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CHOT PAR CHOT

दोस्तों ! एक बार फिर से आपका स्वागत है इस ब्लॉग पर और आज फिर से पेश है आपके सामने हमारे एक सुपर कॉमिक्स जुनूनी फैन श्री सुनील चौधरी जी की बनाई फैन मेड कॉमिक्स । हालाँकि सुनील जी को इन सबका अनुभव न होते हुए भी उन्होंने जिस जोश और उत्साह से कॉमिक्स बनाई वह जोश काबिल-ऐ-तारीफ़ है ।चूँकि यह इनकी प्रथम फैन मेड कॉमिक्स है अतएव अपनी अमूल्य राय और अपना रिव्यु अवश्य इस पेज पर दें ताकि सुनील जी जल्द ही अगली कॉमिक्स लेकर आपके समक्ष पेश हो सकें धन्यवाद !



Writer & Editor-Sunil Chaudhary
Co-Editors-Dr.-Alucard, Singh Balbinder & Nishant Maurya
Artist- Navneet Singh, Vicky Negi & Rakesh Verma, Kaushal Gayakwad Artist
Special Thanks To-Anuj Kumar

6 comments:

  1. काॅमिक निर्माण के लिए सर्वप्रथम समस्त मित्रों का हार्दिक आभार।
    मैं जल्द ही इस काॅमिक की समीक्षा www.pdfbookbox.blogspot.com पर प्रकाशित करुंगा।
    धन्यवाद

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  2. Bhai chot pr chot download ni ho rahi.jaise hi download pr click krta hu.2 sec me download ho rahi hai pr format open nahi ho raha

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  3. Aap browser 4g use karo uc browser ki jagah mene dono format download kiye hai browser 4g se

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  4. SIMPLY.. THE.... GREATTTTT!!!!!
    keep it up bhaiyon

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  5. Very good comics shabd nhi mil rhe tarif k liye BA's yahi kahunga lage rho aur comics ko nai unchae par phuch do

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  6. दोस्तों ! सुनील भाई की बनाई पहली फैन मेड कॉमिक्स "चोट पर चोट" पढ़ी । इसका रिव्यु मैं इसकी कहानी और एडिटिंग के आधार पर दूंगा । तो मित्रों पहले कहानी के हिसाब से कॉमिक्स को लेते हैं।
    १.कहानी काफी दिलचस्प लगी । कांसेप्ट नया था और बढ़िया था। जैसे जैसे कहानी पढता गया मेरा इंटरेस्ट बढ़ता गया । आखिरकार विलन परमाणु का मामा निकला । विभिन्न प्रकाशन के हीरोज को एक ही कहानी में देखकर अच्छा लगा। कहानी में हर किरदार के साथ न्याय किया गया सिवाय कला प्रेत के । फिर भी इसे नजरअंदाज किया जा सकता है। कहानी के हिसाब से फ्लैशबैक लेना भी बढ़िया लगा । सब अच्छा ही रहा पर डायलॉग्स पर थोड़ा और ध्यान देने के जरुरत है ।
    अब एडिटिंग के हिसाब से----
    २.एडिटिंग पर काफी मेहनत की आवश्यकता है । कई जगह बार बार एक ही चित्र को रिपीट किया गया है जो कहानी का मजा ख़राब करता है। हालाँकि मैं जानता हूँ कि सुनील भाई ने बहुत मेहनत की है पर एडिटिंग अगर एक ही बंदा करे या प्रोफेशनल बंदा (अपनी तारीफ़ खुद क्या करूं...ही ही ही ) करे तो ज्यादा मजा आता । फिर भी सुनील भाई और उसके साथियों के इस अभूतपूर्व कॉमिक्स की मैं ह्रदय से सराहना करता हूँ। ये तो शुरुआत है मंजिल पर चलना तो अब शुरू हुए हैं। आपकी आगामी कॉमिक्स के लिए एडवांस में बेस्ट ऑफ़ लक !

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